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कामनवेल्थ गेम्स … देह व्यापार सामाजिक बुराई या सामाजिक जरुरत ???

कडुवा सच
कडुवा सच
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देहव्यापारबहुतसुनाहुआ, जानाहुआ, समझाहुआसाशब्दहै, होभीक्योंआखिरदेह, तन, कायाकीमायाहीअपरंपारहैसाथमेंव्यापारशब्दभीजुडाहैमायातोफिरमायाहैफिरदेहकीहीक्योंहो, प्रश्नमायायामायानगरीकानहींहैयहसम्पूर्णजगतहीमायानगरीहै

चलिएअबमुद्देपेजातेहैंमुद्दादेहव्यापारकानहींहै, मुद्दाहैकामनवेल्थगेम्सकाकामनवेल्थगेम्सएकअंतर्राष्ट्रीयआयोजनहैजिसमेंसिर्फखिलाड़ी, कोच, मैनेजमेंट, मीडियाकेलोगदेशविदेशसेआयेंगेवरनदर्शकोंकाविशालसमूह, झुण्ड, ग्रुपभीआयेगालाखोंलोगोंकाआनाजानाबनारहेगा

कामनवेल्थगेम्सआयोजनकेदौरानबड़ेपैमानेपरदेहव्यापारहोनेकीशंकाजाहिरकीजारहीहै, देशविदेशसेदेहव्यापारसेजुड़ेलोगोंखासतौरपरकालगर्ल्स, दलाल, कोआर्डीनेटर, मैनेजर, प्रोटेक्टर, इत्यादिलोगोंकाजमावड़ालगनालगभगतयहै

येतोकुछभीनहीं, देहव्यापारकाभरपूरआनंदउठानेवालेलोग, ग्राहक, शौक़ीन, दर्शक, खिलाड़ी, अनाडी, व्यापारी, टूरिस्टइत्यादितोअभीसेदेहव्यापारसेजुड़ेलोगोंकीअपेक्षाज्यादाउत्सुकजिज्ञासुहोरहेहोंगेखैरहोनालाजिमीभीहैआखिरभरपूरआनंदतोउन्हेंहीउठानाहै

देहव्यापारकाविरोधभीआवश्यकहैऔरइसकार्यकेलिएहिन्दुस्तानीमीडियापर्याप्तहै, सिर्फटेलीविजनन्यूजचैनल्सपरवरनप्रिंटमीडियामेंभीविरोधकीलौफडफडानेलगीहैजायजभीहै, परविरोधकितनाजायजहैयहसवालजरुरउठताहै

अबसवालउठनेउठानेकीबातगईहैतोइसपरचर्चाभीआवश्यकहै, चर्चाइसलिएकिविरोधकरनाअपनेदेशमेंएकफैशनसाबनगयाहै, क्यासहीहैक्यागलतहैयहतोबहुतदूरकाविषयहैखैरचलोसहीगलतकोभीछोड़देतेहैं

असलचर्चापरजातेहैंजिसआयोजनमेंलाखोंलोगोंकाआनाजानाबनारहेगासभीलोगहरक्षणमौजमस्ती, खानेपीने, मांसमदिराकाभरपूरलुत्फ़उठानेमेंमस्तव्यस्तरहेंगेतोस्वाभाविकहैलोगडगमगायेंगे

डगमगायेंगेतोनिश्चितहीछेड़छाड़, छींटाकशी, किडनेपिंग, रेपकीघटनाएंघटितहोंगी, जबयेघटनाएंहोंगीतबअपनादेशकितनाशर्मसारहोगा ? … देहव्यापारजोहोगावहउतनाशर्मसारनहींकरेगाजितनायेघटनाएंशर्मसारकरेंगी !!!

क्याहमभूलरहेहैंकिअन्यदेशोंमेंइसतरहकेविशालआयोजनकेसमयदेहव्यापारसेजुड़ेलोगोंकोविशेषसुविधाएंप्रदानकीजातीहैं !!!… क्यों, किसलिएशायदइसलिएकिछेड़छाड़, किडनेपिंग, रेपजैसीआपराधिकघटनाओंकीबजहसेशर्मसारहोनापड़े !!!

खैरसमस्याएँतोहैंऔरबनीरहेंगी, देहव्यापारसदियोंसेचलतेरहाहैसंभवहैआगेभीचलतारहेमेरामाननातोयहहैकिकभीकभीदेहव्यापारसमस्याकेरूपमेंनजरआकरसमाधानकेरूपमेंनजरआताहैएकज्वलंतप्रश्नछोड़रहाहूँदेहव्यापारसामाजिकबुराईहैयासामाजिकजरुरत ???

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