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“सॉलिड दिमाग” रखता है भाई …
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… “उदय” का इंट्री … बोले तो … काफ़ी हाऊस चका–चका … सब टाईम–टू–टाईम … बॉस सल्यूट मारता है … हां हां क्या हाल चाल है .. सब झक्कास बॉस … आपका आर्डर रेडी हो रहेला है … बस एक–दो मिनट … बॉस, ऎ बाजु बाला टेबल मे कुछ टेंशन … बता बता क्या बात है … बोले तो बडे लोग हैं … चल चल बोल, छोटा–बडा छोड … भाई ये सब टेंशन में बैठेईला है …क्या हुआ बता … टी.व्ही. न्यूज वाले हैं … बता बता क्या बात है … इनका नौकरी खतरे में लग रहेला है … कुछ मदद मांगता क्या? … हां बॉस … बुला बुला …
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… “उदय” की टेबल पर न्यूज चैनल वाले … आईये आईये … कैसे हैं … कुछ खास नहीं बस यूं ही … बोलो बोलो अभी अभी ये वेटर बोल रहा था कि आप लोग टेंशन में है … हां ‘उदय भाई’ टेंशन तो है पर क्या बताएं शर्म आती है … बिंदास बोलो क्या बात है … सभी एंकर एक साथ बोल पडे … बॉस का टेंशन है भाई … बोले तो बास चाहता है कि कुछ नया करो … नया करो … पच्चीस न्यूज चैनल चल पडेला है … नया खबर लायें तो कहां से लायें … बस यहीच्च टेंशन है … बस इत्ती सी बात …
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… तुम लोग सारी दुनिया को टेंशन देता है और खुदिच्च टेंशन में हो … सब लोग कान “खुजा” के बैठो अपुन एक बार बोलेगा … रिपीट करने को नई मांगता … पाव-भाजी, समोसा-गुपचुप दिखाया हिट था … पानी पर चलना दिखाया हिट था … रावण का ममी दिखाया हिट था … अब गौर से सुनो ये कोई खबर था क्या … नई था सब बकवास था … पर हिट था … ये अपुन के देश का जनता है … हर टाईम टोपी पहनने को घूमते रहता है बस नया आदमी चाहिये टोपी पहनाने वाला … लो एक “मंत्र” ले जाओ … सब लोग अपने अपने बॉस के कान में “फ़ूंक” दो … “मायने यह नहीं रखता कि पब्लिक क्या देखना चाहती है, मायने यह रखता है कि हम क्या दिखाना चाहते हैं” … क्या समझा … बोले तो … “मायने यह नहीं रखता कि पब्लिक क्या देखना चाहती है, मायने यह रखता है कि हम क्या दिखाना चाहते हैं” … थैंक्यू बॉस … थैंक्यू … !!!!
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