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राहुल गांधी परिपक्व या अपरिपक्व !

कडुवा सच
कडुवा सच
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हिन्दुस्तानमेंधर्मजातिगतराजनीतिकोईनयामुद्दानहींहैआमबातहै ! विगतदिनोंमध्यप्रदेशदौरेपरटीकमगढ़मेंकांग्रेसपार्टीकेयुवासेनापतिराहुलगांधीकायहस्टेटमेंटकिसिमीऔरआरएसएसदोनोंएकजैसीविचारधाराकेकट्टरवादीसंघठनहैं, दोनोंमेंवैचारिकतौरपरकट्टरतामेंकोईफर्कनहींहै, राहुलबाबानेस्पष्टतौरपरअपनेसमर्थकोंकेसमक्षयहकहदियाकिसंघसिमीजैसीविचारधारारखनेवालोंकीकांग्रेसपार्टीमेंकोईजगहनहींहैहालांकिराहुलगांधीकेभाषाईतेवरदेखकरयहस्पष्टझलकरहाथाकिवेमध्यप्रदेशमेंदिग्विजयसिंहकीबोलीबोलरहेहैंसंघकीसिमीसेतुलनाकरनानिसंदेहएकविवादास्पदवक्तव्यकहाजासकताहैक्योंकिसिमीएकप्रतिबंधितसंघठनहै, औरजोसंघठनप्रतिबंधितहोउससेकिसीजनसामान्यसेजुड़ेकिसीसंघठनकीतुलनाकरनाअपनेआपमेंविवादकोजन्मदेताहै, खैरतुलनात्मकस्टेटमेंट, नासमझी, समझदारी, समर्थन, विरोध, परिपक्वता, अपरिपक्वता, येअलगमुद्देहैंइनमुद्दोंपरचर्चापरिचर्चाकेलिएराजनैतिकदलसक्रीयक्रियाशीलहैंहालांकियहमुद्दाइतनाबड़ानहींहैकिइसपरचर्चाकीजाए, लेकिनइसमुद्देअर्थातराहुलगांधीकेसिमीआरएसएसकेसंबंधमेंदिएगएकथनकेअन्दरछिपेरहस्यात्मककूटनीतिकभावपरचर्चाकरनालाजिमीहै, यहाँपररहस्यात्मकभावसेमेरातात्पर्यजातिगतधर्मगतराजनीतिसेपरेहै

जीहाँ, राहुलगांधीकायहविवादास्पदकथनठीकउससमयआनाजबअयोध्यास्थितरामजन्मभूमिबाबरीमस्जिदविवादपरइलाहावादहाईकोर्टकीलखनऊबेंचकेफैसलाआनेकेफलस्वरूपकुछेकराजनैतिकदलफैसलेकेपक्षअथवाविपक्षमेंअपनेअपनेकथनजारीकरवोटकीराजनीतिकररहेथे, जबकिहोनातोयहचाहिएथाकिकिसीभीराजनैतिकपार्टीकोअयोध्याफैसलेपररोटीसेंकनेकाप्रयासकरतेहुएशान्तिसौहार्द्रबनाएरखनेकोतबज्जोदेनाचाहिएथाजोपरिलक्षितनहींहुआ ! यहाँविचारणीयबातयहहैकिअयोध्याजैसेसंवेदनशीलमुद्देपरपहलेहीबहुतराजनैतिकपैंतरेवाजीहोचुकीथीजोअबनहींहोनीचाहिएथीलेकिनऐसाहोतेहुएलोगोंनेपुन: इसमुद्देकोभुनानेकीकसरनहींछोडीयहस्पष्टतौरपरझलकरहाथाकिअयोध्यामुद्देकेफैसलेसेकांग्रेसपार्टीकोतोकोईराजनैतिकलाभथाऔरहीहानि, लेकिनदूसरेदलोंकोप्रत्यक्षअथवाअप्रत्यक्षरूपसेकुछकुछलाभजरुरथा, इसराजनैतिकलाभहानिकेद्रष्ट्रीकोणसेहीराहुलगांधीकेस्टेटमेंटकोआंकाजासकताहैहुआदरअसलयहकिजबजातिगतधर्मगतराजनीतिअर्थातवोटकीनीतिकीबातहोतथाकुछेकराजनैतिकदलमुद्देकोभुनानेकीकोशिशकरेंतबकांग्रेसकैसेचुपरहसकतीहै, औरचुपरहनाराजनैतिकद्रष्ट्रीकोणसेलाजिमीभीनहींहै !

अबहमराहुलगांधीकेस्टेटमेंटमेंछिपेरहस्यात्मकभावपरचर्चाकरतेहैं, अपनेदेशमेंहिन्दूहोंयामुस्लिमहोंदोनोंहीभावनात्मकव्यवहारिकरूपसेदोहिस्सोंमेंबंटेहुएहैंकुछमंदिरमस्जिद, जातिधर्मकीराजनीतिकेपक्षधरहैंतोकुछघोरविरोधीभीहैं, ठीकयहस्थितिहिन्दूमुस्लिमवर्गमेंआरएसएसव्सिमीकोलेकरभीहै ! मेराव्यक्तिगततौरपरऐसामाननाहैकिहिन्दूवर्गमेंहीकुछेककट्टरपंथविचारधाराकेसमर्थकहैंतोकुछविरोधीभीहैंठीकउसीप्रकारमुस्लिमवर्गमेंभीसमर्थनविरोधकीस्थितिहै, कहनेकातात्पर्ययहहैकिमुस्लिमवर्गमेंहीकुछेकसिमीकासमर्थनकरतेहैंतोकुछविरोधभीकरतेहैं, ठीकइसीतरहहिन्दूवर्गमेंभीआरएसएसकासमर्थनविरोधदोनोंहै ! राजनैतिकद्रष्ट्रीकोणसेमहत्वपूर्णपहलूयहहैकिहिन्दूवर्गमुस्लिमवर्गमेंसाफ्टकार्नररखनेवालावहहिस्साजिसेजातिगतधर्मगतवोटकीराजनीतिसेकुछलेनादेनानहींहै, तोवहकिसीकेसमर्थनमेंहैऔरहीकिसीकेविरोधमेंहै, अब सवाल यह है कि इसवर्गअर्थातहिस्सेकोकौनव्कैसेभावनात्मकरहस्यात्मकढंगसेअपनीओरखींचे !! यहवहवर्गअर्थातहिस्साहैजिसेमंदिरमस्जिद, हिन्दूमुस्लिमयुक्तकट्टरराजनीतिसेकोईलेनादेनाहोकरशान्तिसौहार्द्रसेलेनादेनाहै, इसवर्गकोदेशमेंएकऐसीराजनैतिकपार्टीकीजरुरतहैजोअमनचैनशान्तिसौहार्द्रकीपक्षधरहो ! कहींऐसातोनहींराहुलगांधीकेइसस्टेटमेंटमेंयहीरहस्यात्मकभावछिपाहुआहैतथाइसस्टेटमेंटकेमाध्यमसेइसवर्गविशेषकासमर्थनजुटानेकाभरपूरप्रयासकियाहै !!

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