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कठिन डगर है,जीवन है, अब राह कोई दिखलाए !

कडुवा सच
कडुवा सच
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क्यामैंहूँ , क्यानहीं
अब कोई मुझे समझाए !

किसपथपर, किनराहोंपर
चलनाहै राह दिखाए !

उंचनीचकीडगरपकड़ ली
जीवनडगमगजाए !

क्याजीवन, क्यालीलाहै
अब कोई मुझे समझाए !

हारजीत का खेल हुआ, क्याहारूं
क्याजीतूं, येसमझआये !

कालचक्रऔरसमयचक्र
दोनों मिलकर खूबसताएं !

अबक्याबोलूँ, अबक्यासोचूँ
जबकदममेरेबढ़ आए !

कठिनडगरहै, जीवन है
अब राह कोई दिखलाए !!!

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